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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर ताल ठोक रही बहुजन समाज पार्टी ने इस बार पूर्वांचल की ज्यादातर सीटों पर दलित और मुस्लिम समीकरण बैठाने की कोशिश शुरू कर दी है। गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ सीटों में से अब तक छह पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इनमें सबसे ज्यादा चार मुस्लिम प्रत्याशी हैं। वहीं दो अन्य सीटों पर एक ब्राह्मण और एक दलित पर भरोसा जताया है। बांसगांव सीट पर दलित को प्रत्याशी बनाया है वह सुरक्षित है।
15 साल पहले यानी साल 2009 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ में से तीन सीटों देवरिया, संतकबीरनगर और बस्ती पर बसपा ने जीत दर्ज की थी। जबकि तीन सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर थी। लेकिन इसके बाद पार्टी का ग्राफ तेजी से गिरा और 2014 व 2019 के चुनाव में पार्टी दोनों मंडलों में अपना खाता तक नहीं खोल सकी। मोदी मैजिक वाले दोनों चुनाव में सपा और कांग्रेस का भी बुरा हाल था। इस बार प्रत्याशियों के घोषणा के साथ ही बसपा कैडर को आस है कि पुराना रिकॉर्ड भी ध्वस्त होगा।
अभी तक के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो बसपा के लिए संतकबीरनगर और बस्ती लोकसभा सीट ज्यादा मुफीद रही है। संतकबीरनगर से 2009 और इसके पहले उपचुनाव में भीष्म शंकर तिवारी ने जीत हासिल की थी। वर्ष 2014 में भी बसपा के भीष्म शंकर दूसरे नंबर पर थे। हालांकि इस बार भीष्म शंकर सपा में हैं और डुमरियागंज से मैदान में हैं।
बसपा बस्ती में भी दो बार जीत हासिल कर चुकी है। वर्ष 2009 में पार्टी से अरविंद चौधरी और 2004 में लालमणि प्रसाद चुनाव जीते थे। यहां पार्टी ने हर बार प्रत्याशी बदला लेकिन वर्ष 2014 और 2019 में यह फार्मूला काम नहीं आया। पार्टी ने राम प्रसाद चौधरी को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन जीत नहीं हासिल हो सकी, इतना ही नहीं मत भी कम हो गए। डुमरियागंज में भी पार्टी का जनाधार ठीक रहा है। वर्ष 2004 में मो. मुकीम ने इस सीट पर पहली बार बसपा को जीत दिलाई थी। 2014 के चुनाव में मो. मुकीम हार गए लेकिन दूसरे नंबर पर रहे। इस बार पार्टी ने बस्ती मंडल की तीन सीटों में से दो यानी संतकबीरनगर से मोहम्मद आलम और डुमरियागंज से ख्वाजा शमसुद्दीन को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि बस्ती से दयाशंकर मिश्र पर पार्टी ने दांव लगाया है।
चार सीटों पर नहीं खुला है खाता
गोरखपुर-बस्ती मंडल की चारों लोकसभा सीटों पर बसपा का खाता नहीं खुला है। गोरखपुर सदर, महराजगंज, बांसगांव और कुशीनगर में पार्टी प्रत्याशी जीत का स्वाद नहीं चख पाए हैं। हालांकि 2019 में सपा और बसपा गठबंधन में इन चार में से सिर्फ एक सीट बांसगांव ही बसपा के खाते में आई। बाकी तीन सीटें सपा के हिस्से में गई थीं। गठबंधन के बावजूद बांसगांव में जीत नहीं मिल सकी। बांसगांव में पार्टी लगातार तीसरी बार दूसरे स्थान पर रही है।
वर्ष 2009 में श्रीनाथ एडवोकेट और वर्ष 2014 और 2019 में सदल प्रसाद पार्टी के प्रत्याशी थे। बसपा ने इन चार सीटों में कुशीनगर पर अभी अपना पत्ता नहीं खोला है जबकि बाकी तीन पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है उनमें दो पर मुस्लिम चेहरे हैं। गोरखपुर से जावेद सिमनानी, महराजगंज से मोहम्मद मौसमी आलम को प्रत्याशी बनाया है। जबकि बांसगांव सुरक्षित सीट से पूर्व आयकर आयुक्त डॉ. रामसमुझ पार्टी के प्रत्याशी हैं।