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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि यह लोकसभा चुनाव पारिवारिक संबंधों को लेकर नहीं बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक मुकाबला है। अजित पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती है। इस दौरान अपने चाचा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शरद पवार ने लगभग 35 वर्षों तक उनका विरोध किया है।
अजित पवार ने कहा, “1989 में, जब शरद पवार मुख्यमंत्री थे, तब विजय कोलते, हिरेमन काका और बारामती के अन्य प्रमुख नागरिक उनसे मिलने मुंबई गए थे… उन्होंने उनसे आग्रह किया कि मुझे बारामती लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया जाना चाहिए। इससे शरद परेशान हो गए। शरद पवार ने गुस्से में उनसे कहा था कि ‘फिर अजित को ही राजनीति करने दीजिए मैं केटवाडी जाकर खेतीवाड़ी करूंगा।’ उपमुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार के लिए बारामती निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह उन लोगों के लिए एक करारा तमाचा था, जिन्होंने मेरे नाम की सिफारिश की थी।”
रैली में अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा ऐसा कोई नेता नजर नहीं आता जो देश के मामलों को प्रभावी ढंग से संभाल सके। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। 10 साल से वे प्रधानमंत्री का विरोध कर रहे हैं। अगर अगले 10 साल में वे प्रधानमंत्री का विरोध करेंगे तो इससे विकास परियोजनाएं ही रुकेंगी। और इसीलिए एक महायुति सांसद को संसद में भेजना महत्वपूर्ण है।”
बता दें कि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पुणे जिले की बारामती लोकसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की उम्मीदवार हैं। वहीं राकांपा महायुति गठबंधन का एक घटक दल है, जिसमें शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी शामिल हैं। जबकि राकांपा (एसपी), शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने एकजुट होकर महा विकास आघाडी (एमवीए) नामक गठबंधन बनाया है। शरद पवार परिवार के गढ़ माने जाने वाले बारामती में सात मई को मतदान होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए केंद्रीय फंड की जरूरत है। उन्होंने कहा, “अगर महायुति सांसद चुना जाता है, तो हम प्रधानमंत्री को पैसों की जरूरत के बारे में बता सकते हैं।” अजित पवार ने शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा, ”रैली खत्म होने के बाद कुछ लोग रोएंगे, उनकी आंखों में आंसू होंगे। लेकिन भावनात्मक प्रलोभन में न आएं…केवल घड़ी के चुनाव चिह्न के लिए वोट करें।”
अजित ने कहा कि उनके चचेरे भाई राजेंद्र पवार ने अपने बेटे रोहित पवार के लिए टिकट मांगा था। अजित पवार ने कहा, “मैंने अपने चाचा शरद पवार को इस बारे में सूचित किया था। हालांकि, उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी और को राजनीति में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि वे बारामती एग्रो की देखभाल करें…बाद में जिला परिषद चुनाव लड़ें। मैंने अपने चाचा की जानकारी के बिना रोहित को एबी फॉर्म दे दिया…अब रोहित पवार ने मेरे चाचा से हाथ मिला लिया है और मेरी आलोचना कर रहे हैं।’
सुनेत्रा और उनकी ननद एवं तीन बार की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने क्रमशः राकांपा और राकांपा (शरदचंद्र पवार) की उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। अजित पवार ने भी इस सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। राकांपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनकी पत्नी का नामांकन खारिज होने अथवा उसमें कोई विसंगति पाए जाने की स्थिति में इसे एक वैकल्पिक योजना के रूप में तैयार किया गया है।