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NCB में तैनात आईपीएस अधिकारी संजय कुमार सिंह ने ‘व्यक्तिगत कारणों’ से स्वैच्छिक रिटायरमेंट (VRS) ले लिया है। संजय वे ही आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने कॉर्डेलिया ड्रग्स छापेमारी मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की भूमिका की जांच करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की एक विशेष जांच टीम (SIT) का नेतृत्व किया था और फिर बाद में आर्यन को निर्दोष पाया गया था। ड्रग्स मामले में आर्यन को क्लीन चिट मिल चुकी है। सिंह ने वीआरएस लेने के पीछे व्यक्तिगत कारण बताया है।
संजय कुमार सिंह ओडिशा कैडर के 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और अभी वे एनसीबी मुंबई के उप महानिदेशक (डीडीजी) के पद पर तैनात थे। उन्होंने इस साल 29 फरवरी को वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे राज्य सरकार ने 16 अप्रैल को मंजूरी दे दी है। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को बताया, ”मेरा करियर बहुत अच्छा रहा है। मैंने व्यक्तिगत कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का फैसला किया।”
कानून का पालन करने और करवाने के लिए पहचाने जाने वाले संजय कुमार सिंह ने 2008 और 2015 के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में अपने कार्यकाल के दौरान कई हाई-प्रोफाइल मामलों को संभाला था, जिनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, राष्ट्रमंडल खेल 2010 के भ्रष्टाचार मामले शामिल थे। इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) में अनियमितताएं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भर्ती घोटाला सहित अन्य मामलों की भी जांच की थी।
उनके साथ करीब से काम करने वाले लोगों ने कहा कि संजय कुमार सिंह किसी मामले को अंतिम मुकाम तक ले जाने के लिए विभिन्न अदालतों द्वारा निर्धारित कानूनी प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन करने के अलावा मजबूत दस्तावेजों और वैज्ञानिक सबूतों में विश्वास करते हैं। एनसीबी के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा, ”संजय सिंह एक प्रतिबद्ध पेशेवर हैं, जिन्होंने जहां भी काम किया, वहां उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनका जांच कौशल बहुत गहन था। यह एनसीबी के लिए एक क्षति है लेकिन यहां अपने कार्यकाल के दौरान वह हमारे लिए एक असेट रहे हैं।”
जनवरी 2021 में एनसीबी में शामिल होने से पहले, सिंह ने ओडिशा पुलिस के ड्रग-टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में काम किया और राज्य में ड्रग तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने भुवनेश्वर के कमिश्नर के रूप में भी कार्य किया। आर्यन खान मामले की जांच के दौरान, सिंह ने अपनी टीम की जांच की निगरानी के लिए मुंबई के कई दौरे किए और सभी बयानों की जांच की, जिसके बाद एनसीबी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने निष्कर्ष निकाला कि आर्यन पर आरोप लगाने के लिए कोई सबूत नहीं है। सिंह की जांच को एनसीबी के महानिदेशक एसएन प्रधान का पूरा समर्थन प्राप्त था। जांच के बाद केंद्र सरकार ने एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई और आर्यन खान सहित छह लोगों के खिलाफ ड्रग्स के आरोप हटाने की सिफारिश की थी।