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दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है। इस फैसले को लेकर सियासत भी गर्म है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर जोरदार हमला बोला है। दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल भूल गए थे कि जितना लूटोगे उससे ज्यादा चुकाना होगा। आज दिल्ली की जनता भी यही कह रही है कि केजरीवाल ने दिल्ली को शर्मसार किया है।
दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- अरविंद केजरीवाल यह भूल गए थे कि जिंदगी में जब आप चोरी करते हैं तो उसी जिंदगी में इसे चुकाना पड़ता है। आज हर दिल्ली वाली यही कह रहा है कि केजरीवाल ने दिल्ली को शर्मशार किया है। दिल्ली आज इसलिए कलंकित है क्योंकि उसके कलंक की गाथा अरविंद केजरीवाल ने लिखी।
वहीं भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि याचिका जमानत के लिए नहीं बल्कि गिरफ्तारी के खिलाफ थी। आम आदमी पार्टी का अहंकार तथ्यों के धरातल पर चकनाचूर हो गया है। कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि किसी भी प्रकार की राजनीतिक बयानबाजी, किसी भी प्रकार का राजनीतिक संदर्भ देना अनुचित है। गवाहों के बयान प्रामाणिक हैं क्योंकि वे कोर्ट के सामने दिए गए हैं।कोर्ट ने यह भी कहा है कि केजरीवाल की भूमिका संदिग्ध है, इसलिए हिरासत में रखने के पर्याप्त कारण हैं।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा- हाई कोर्ट के फैसले से साफ है कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में भ्रष्ट हैं। केजरीवाल कहते थे कि चवन्नी नहीं मिली, फैसले से स्पष्ट है कि मनी ट्रेल भी है और गोवा चुनाव में खर्च भी हुआ है। हाई कोर्ट का कहना है कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल के पास कोई नैतिक अधिकार बचता है कि वे मुख्यमंत्री बनें रहें और सरकार तिहाड़ से चलाएं?
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। केजरीवाल पिछले छह महीनों में किसी न किसी बहाने से इन नोटिसों से बचते रहे हैं। अब समय आ गया है कि अरविंद केजरीवाल पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें।
वहीं भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने कहा- आज दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल की भूमिका थी। अदालत ने ED की ओर से रखे गए तथ्यों एवं सबूतों पर गौर करने के बाद अपना फैसला दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी 100 फीसदी सही है। मुझे लगता है अरविंद केजरीवाल को नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि केजरीवाल के वकील सभी दस्तावेजों का निरीक्षण करने में लगे हैं। हमारे वकील लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल को जल्द सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। न्याय की एक प्रक्रिया होती है। न्यायिक प्रक्रिया में कई तरह की देरी होती है। PMLA एक्ट में कई जटिलताएं हैं, जिसमें जमानत मिलने के प्रावधान कठिन हैं…
दूसरी ओर से AAP नेता एवं दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, मैं भाजपा को यही कहूंगा कि जब संजय सिंह की बेल हाई कोर्ट ने खारिज की थी तब भाजपा कह रही थी कि कोर्ट ने ऐसा कह दिया, वैसा बोल दिया। वहीं जब सुप्रीम कोर्ट में दलील रखी गई तो सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट कर राहत प्रदान कर दी। केजरीवाल के मामले में हम फैसले से असहमत हैं। हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हमें उम्मीद है कि हमें सर्वोच्च न्यायालय से इंसाफ मिल जाएगा।