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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शुक्रवार को फतेहाबाद के रतिया में एक रैली के किसानों को उपद्रवी कह दिया। इससे किसान संगठन भड़क गए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का शुक्रवार को रतिया रैली में पहुंचने के दौरान किसानों ने विरोध किया। इस दौरान पुलिस ने 175 किसानों को हिरासत में लिया। मुख्यमंत्री के जाते ही सभी किसानों को छोड़ दिया गया था। रतिया में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति, हरियाणा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ किसानों को उपद्रवी कहने पर कार्यवाही करने की मांग करते हुए शहर थाना में शिकायत दी है। शहर थाना प्रभारी जय सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
यह देश के अन्नदाता का अपमान: किसान नेता
पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति, हरियाणा के संयोजक मनदीप सिंह नथवान ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रतिया की अनाजमंडी में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे। जनसभा का संबोधित करने के बाद मंच से नीचे उतरकर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने किसानों को उपद्रवी कहा था। यह देश के अन्नदाता तक अपमान है। इससे किसानों में रोष है, और देश व प्रदेश के किसानों की भावनाएं आहत हुई हैं। किसान नेता मनदीप ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है, इसलिए शहर थाना प्रभारी को मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके किसानों के प्रति इस तरह के शब्द इस्तेमाल करने पर उचित कार्यवाही करने की शिकायत दी है। अगर कार्रवाई न की गई तो किसान आंदोलन को मजबूर होंगे।
भाजपा के खिलाफ किसानों ने खोल रखा है मोर्चा
एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बर्बर कार्रवाई करने से किसान संगठन हरियाणा और पंजाब में भाजपा का लोकसभा चुनाव में विरोध कर रहे हैं। पंजाब में गांवों में भाजपा नेताओं के प्रवेश को रोकने वाले पोस्टर लगाना शुरू कर दिए हैं। गांवों में किसान -किसान दा दिल्ली जाना बंद है, भाजपा दा पिंड विच औना बंद है जैसे नारे वाले पोस्टर लगा रहे हैं। यह पोस्टर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। इसी तरह हरियाणा के गांवों में भी भाजपा नेताओं का विरोध किया जा रहा है। रतिया में तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक का विरोध हुआ था।
मनोहर लाल बोले- किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए, चुनाव आयोग को संज्ञान ले
किसानों द्वारा बीजेपी उम्मीदवारों के विरोध को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि बीजेपी का कोई विरोध नहीं है। दूसरे दलों के कुछ विरोध की बात उन्होंने सुनी है लेकिन किसानों को इस प्रकार से विरोध नहीं करना चाहिए। किसानों द्वारा बीजेपी उम्मीदवारों के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।